Friday, June 28, 2013

Escalator at Thane Station - June 2013

Pleasantly surprised to see and use the escalator at Thane Station on 28.6.2013

Hopefully we are going to see more escalators in various railway stations of Mumbai city.

Saturday, June 8, 2013

Cricket - ICC Champions Trophy - 2013 Schedule in India Local Time

Date
Day
Time (Indian Standard Time - IST)
Team 1 Team 2 Match Location

06 Jun, 13
Thursday
03:00 PM

India      South Africa ODI        Cardiff,

Match Information: India won
India - 331-7    - http://imsports.rediff.com/score/in_asa_101576.html
South Africa - 305 all out  - http://imsports.rediff.com/score/in_asa_101577.html

07 Jun, 13
Friday
03:00 PM

Pakistan West Indies         Kennington Oval,
Match Information: Pakistan batted first
Pakistan: 170 all out   http://imsports.rediff.com/score/in_asa_101578.html
West Indies won the match
08 Jun, 13
Saturday
03:00 PM

England Australia            Birmingham,
England won the match

09 Jun, 13
Sunday
03:00 PM

New Zealand Sri Lanka                 Cardiff,


10 Jun, 13
Monday
05:30 PM

Pakistan South Africa Birmingham,


11 Jun, 13
Tuesday
03:00 PM

India    West Indies Kennington Oval,


12 Jun, 13
Wednesday
03:00 PM

Australia New Zealand Birmingham,


13 Jun, 13
Thursday
05:30 PM

England Sri Lanka Kennington Oval,


14 Jun, 13
Friday
03:00 PM

South Africa West Indies Cardiff,


15 Jun, 13
Saturday
03:00 PM

India   Pakistan Birmingham,


16 Jun, 13
Sunday
03:00 PM

England New Zealand Cardiff,

England
17 Jun, 13
Monday
05:30 PM

Australia Sri Lanka Kennington Oval,


19 Jun, 13
Wednesday
03:00 PM

 1st Semi Kennington Oval,


20 Jun, 13
Thursday
03:00 PM
 2nd Semi Cardiff,


23 Jun, 13
Sunday
03:00 PM
 Final                  Birmingham,

Friday, June 7, 2013

Netaji Subhash Chandra Bose - Hindi Article - नेताजी सुभाष चन्द्र बोस



नेताजी सुभाष चंद्र बोस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम 'जानकीनाथ बोस' और माँ का नाम 'प्रभावती' था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे।

नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में हुई। तत्पश्चात् उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेज़िडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई, और बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा (इण्डियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए उनके माता-पिता ने बोस को इंग्लैंड के केंब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया।  उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया।

1921 में   बोस ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और भारत लौट आए। सिविल सर्विस छोड़ने के बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए।

1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय योजना आयोग का गठन किया। यह नीति गाँधीवादी आर्थिक विचारों के अनुकूल नहीं थी।  1939 में बोस पुन एक प्रतिद्वंदी को हराकर विजयी हुए।  गांधी ने इसे अपनी हार के रुप में लिया।  उनके अध्यक्ष चुने जाने पर गांधी जी ने कहा कि बोस की जीत मेरी हार है ।  गाँधी जी के विरोध के चलते बोस ने त्यागपत्र देने की आवश्यकता महसूस की।  गांधी के लगातार विरोध को देखते हुए उन्होंने स्वयं कांग्रेस छोड़ दी।

इस बीच दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया। बोस का मानना था कि अंग्रेजों के दुश्मनों से मिलकर आज़ादी हासिल की जा सकती है। उनके विचारों के देखते हुए उन्हें ब्रिटिश सरकार ने कोलकाता में नज़रबंद कर लिया लेकिन वह  वहां से भाग निकले। वह अफगानिस्तान और सोवियत संघ होते हुए जर्मनी जा पहुंचे।

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नेताजी हिटलर से मिले। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत और देश की आजादी के लिए कई काम किए। उन्होंने 1943 में जर्मनी छोड़ दिया। वहां से वह जापान पहुंचे। जापान से वह सिंगापुर पहुंचे। जहां उन्होंने कैप्टन मोहन सिंह द्वारा स्थापित आज़ाद हिंद फ़ौज की कमान अपने हाथों में ले ली। उस वक्त रास बिहारी बोस आज़ाद हिंद फ़ौज के नेता थे। उन्होंने आज़ाद हिंद फ़ौज का पुनर्गठन किया। महिलाओं के लिए रानी झांसी रेजिमेंट का भी गठन किया जिसकी लक्ष्मी सहगल कैप्टन बनी।

'नेताजी' के नाम से प्रसिद्ध सुभाष चन्द्र ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की तथा 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था। नेताजी अपनी आजाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" दिया।

18 अगस्त 1945 को तोक्यो जाते समय ताइवान के पास नेताजी की मौत हवाई दुर्घटना में हो गई, लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया। नेताजी की मौत के कारणों पर आज भी विवाद बना हुआ है।



http://www.bharatdarshan.co.nz/BD-static/articles/subhash-bose.html

Wikipedia article

Navabharat times blog article

http://www.pressnote.in/litrature-news_190971.html#.UbGR9dK7I48